प्यार तूमसे हुवा है मुझे....
लडने लगा था खुदसे ही मैं,
पसंद ना आयेगां ये वो उसे...
जान ने लगा था मैं खुद को ज्यादा,
दोस्ती आयने से करने लगा था मैं....
तडप रहे हैं हम पास रहकर इतना,
बात करने, मिलने एकबार उसे....
वो तरसता होगा कितना मिलने जमी को,
हो रहा है महसुस दर्द आसमा का,
बनकर बारीश मिलने आता होगा,
बहाके अश्क सारे याद मे जमी के....
दोस्ती करनी है बालो से तुम्हारी,
जो सता रहे है बारबार तुम्हे....
हा दोस्ती करनी है बालो से तुम्हारी,
जो सता रहे है बारबार तुम्हे....
जवाब देना है उन हवा वो को,
जो छूकर आकर तुम्हे,
बहुत चिडाती है हमे.....
- अक्षय कदम
Mst
ReplyDeleteMast,
ReplyDeleteKhoop chan
ReplyDeleteEuuuuu
ReplyDelete