Skip to main content

Posts

Showing posts from April, 2020

Hindi poems, Poetry Marathi Kavita corona virus

. ओर एक हीरो सरहाना सब कर रहे हैं, पोलीस ओर डॉक्टरस की.., इस बीच एक हीरो को, भूल रहे हम सब हैं......!!!! लगाकर बाजी जान की, साथ दे रहे है पुरा, हो चाहे रस्ते पर, या हो अस्पताल मैं, आधे से ज्यादा विषाणू, तो वो भी मार रहे हैं .., हा वो भी एक हीरो है, जिसे हम सब भूल रहे हैं.......!!!! घर उनको भी है जाना... काल वापिस फिरसे हैं आना... करणे गंदगी साफ वो सारी.. डालके जान अपनी जोखीम मे... बचा रहे हैं जान हमारी, हा वो भी एक हीरो हैं, जिसे हम सब भूल रहे हैं.....!!!!                            - अक्षय कदम

Shayad

. Shayad शायद  शायद किताब के आखरी पन्नो को पता था,  प्यार तूमसे हुवा है मुझे.... लडने लगा था खुदसे ही मैं, पसंद ना आयेगां ये वो उसे... जान ने लगा था मैं खुद को ज्यादा, दोस्ती आयने से करने लगा था मैं.... तडप रहे हैं हम पास रहकर इतना, बात करने, मिलने एकबार उसे.... वो तरसता होगा कितना मिलने जमी को, हो रहा है महसुस दर्द आसमा का,  बनकर बारीश मिलने आता होगा, बहाके अश्क सारे याद मे जमी के.... दोस्ती करनी है बालो से तुम्हारी, जो सता रहे है बारबार तुम्हे.... हा दोस्ती करनी है बालो से तुम्हारी, जो सता रहे है बारबार तुम्हे....  जवाब देना है उन हवा वो को,  जो छूकर आकर तुम्हे, बहुत चिडाती है हमे.....                          - अक्षय कदम

शिकवण भीमाची

. शिकवण भीमाची नाही डगमगले कधीच ते, लडले एकटेच ते साऱ्यांशी... मिळवून दिलाय हक्क जगण्याचा,  लडून त्यांनी साऱ्या जगाशी... शिक्षण हे वाघिणीचे दूध हाये,  उगीच नाही म्हणल माझ्या भिमान,   ज्ञानाच प्रतीक बनून ,  सिद्ध करून दाखवल माझ्या भिमान .... खुल केलं ते चवदार तळ,  घेऊन ओंजळीत पाणी.... करून सत्याग्रह चवदार तळ्याचा,  मिळून दिलाय हक्क पाण्याचा,  दुबळा झाला होता समाज सारा,  बोटाला धरून चालायला शिकवलय,  हातात न देता हत्यार त्यांनी,  देऊन लेखनी लढायला शिकवलय.... रचला इतिहास त्यांनी,  बनुनी शिल्पकार संविधानाचे..... दिलीया ताकत  दाखवून त्यांनी,  ताकत त्या लेखणीची...                            - ........ डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर, Dr. Babasaheb Ambedkar, Bhim Jaynti 2022, bhim Jaynti status, 

Majha Hoshil Na

. माझा होशील ना !!! तु म्हणशील तस वागीन मी, फक्त हृदयात दे जागा थोडी... सतत त्रास देणारे केस मागे सारत, असाच हवासा त्रास तू देशील का... माझा होशील ना साथ देशील ना.....  डोळ्यात डोळे घालून हातात हात देऊन, स्वतःच वचन मागत वचन देणारी... साथ आयुष्य भर देशील ना, न सांगता समजून तू घेशील ना, माझा होशील ना साथ देशील ना.....  हृदय जरी माझं असल, तरी नाही एकत माझं, नाही होणार प्रेम परत मला... स्वप्नात पण नाही सोडू शकत तुला.... गाठ आयुष्याची बांधायची सोबत तुझ्या, तुझ्या मागे नाही सोबत चालायचंय... माझा होशील ना साथ देशील ना.....  जपलेला प्रत्येक क्षण हा आयुष्याचा, सोबत तुझ्याच घालवलेल्या असावा... डोळे मिटताना पण शेवटचे, हातात हात तुझाच असावा.... माझा होशील ना साथ देशील ना....                                     -अक्षय कदम 

Khaki

. Khaki Hath main liye danda, Muah par lagaye mask, Badan pr pehne Vardi, Na khana , na Pina, Hai dhup main rehate khade, Karte suraksha apni, Hai unka bhi Ghar, Jana unko bhi ghar, Yaad hai unko farj, Farj apne apna desh se, Nahi sunoge tum agar, nikloge Bahar gharse apne, Nhi shauk unko marna, Raste par chalte har ko... Do unka sath sab, Rehkar apne Ghar par, Nhi bita sakte samay wo Ghar main, Kar rahe suraksha apni, Rehakr khade dhup main,                                 -Aksha Kadam खाकी हाथ में लिये डंडा,                  मुह पर लगाये मास्क,            बदन पर पहने वर्दी,                        ना खाना, ना  पिना,                  है धूप में खडे रेहते,              करते सुरक्षा अपनी,                  है उनका भी घर!                  जाना हैं उनको घर.....                याद हैं उनको फर्ज,              फर्ज अपना अपने देश से.....        नही सूनोगे तुम अगर,,        निकलोगे बाहर घरसे अपने,  नही शौक उनको मारना,