Skip to main content

Khaki

.

Khaki

Hath main liye danda,
Muah par lagaye mask,
Badan pr pehne Vardi,
Na khana , na Pina,
Hai dhup main rehate khade,
Karte suraksha apni,
Hai unka bhi Ghar,
Jana unko bhi ghar,
Yaad hai unko farj,
Farj apne apna desh se,
Nahi sunoge tum agar,
nikloge Bahar gharse apne,
Nhi shauk unko marna,
Raste par chalte har ko...
Do unka sath sab,
Rehkar apne Ghar par,
Nhi bita sakte samay wo Ghar main,
Kar rahe suraksha apni,
Rehakr khade dhup main,

                                -Aksha Kadam

खाकी

हाथ में लिये डंडा,                 
मुह पर लगाये मास्क,           
बदन पर पहने वर्दी,                       
ना खाना, ना  पिना,                 
है धूप में खडे रेहते,             
करते सुरक्षा अपनी,                 
है उनका भी घर!                 
जाना हैं उनको घर.....               
याद हैं उनको फर्ज,             
फर्ज अपना अपने देश से.....       
नही सूनोगे तुम अगर,,       
निकलोगे बाहर घरसे अपने, 
नही शौक उनको मारना,     
रस्ते पर चलते हरको...               
दो उनका साथ सब,             
रहकर अपने घर पर..                                                      नही बीता सकते समय वो घर में,......
कर रहे सुरक्षा अपनी,             
रहकर खडे धूप में........|||

                                    - अक्षय कदम

Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

Manoj Muntashir Poem on maa

. Manoj Muntashir Poem on Maa... मनोज मुंतशिर कविता माँ Manoj Muntashir Shayri ऐसा नहीं कि मां को बनाकर खुदा ने जश्न मनाया, बल्कि सच तो यह है कि वह बहुत पछताया......, कब उसका एक एक जादू किसी और ने चुरा लिया, वह जान भी नहीं पाया......, खुदा का काम था मोहब्बत, वह मां करने लगी, खुदा का काम था हिफाजत, वह मां करने लगी, खुदा का काम था बरकत, वह भी मां करने लगी, देखते ही देखते उसकी आंखों के सामने कोई और परवरदिगार हो गया....... वह बहुत मायूस हुआ बहुत पछताया, क्योंकि मां को बनाकर खुदा बेरोजगार हो गया। ये मेरी मनोज सर की मां पर लिखी कविता बहुत अच्छी लगती है। मै तो उनका बहुत बड़ा प्रशंसक रहा हूं और अभी भी हूं, उनके लिखे गने हो नजम हो या उनकी बुक मेरी फितरत है मस्ताना सब मैने पढ़े है हालाकि शेरो शायरी उनिके YouTube चैनल पर सुनी है, उनका अंदाज़ ही कुछ अलग है।  Manoj muntashir on maa  Manoj muntashir poem on maa

Father's day special Hindi poem on papa

. पापा का प्यार दरवाजे पर नज़रे टिकाए रहते थे, राह उनकी शाम होते ही देखते थे, सोचता हूं में अब ये सब, वो मेरे अजीब से इशारे कैसे समजते थे...।। बचपन में पीठ पर बैठकर घूमे है, कांधे पर सिर रखकर गोदी में सोये हैं, मगते ही कभी कुछ नहीं दिया, अहमियत वक्त और चीजों की बताई है..।। प्यार तो करते होंगे वो बहुत, पर आंखो से ही डरा देते है, हमने तो प्यार जताया ही नहीं, और गले लगाया तो सालो हो गए..।। दुनिया में प्यार पापा का सबसे अलग हैं, पर दूरियां क्यों इतनी बड़ी है पापासे, वो जताते नहीं और बताते कभी नहीं, प्यार मां सा वो भी करते है...।। बचपन में प्यार पापा का अच्छा लगता है, फिर वही प्यार फर्ज लगता हैं , नहीं समझ आएगा इस उम्र में ये हमें, शायद बेटे से बाप बनना पड़ेगा हमें...।।                        -  अक्षय कदम

Manoj Muntashir Songs, poetry, shayri, Biography

Bollywood Film Lyricist Poetry Shayri Writter                 Manoj Muntashir: The Poetic Maestro of Bollywood Manoj Muntashir ( Manoj Shukla ) Manoj Muntashir Manoj Muntashir biography  Born              26  February 1976                       Gauriganj, Amethi, UP           Age                44 Nationality    Indian   Occupation   Lyricist, Poetry Writter Best of Manoj Muntashir  He is from Gauriganj, Amethi, Utarpradesh. At the start of his carriar, he wrote many reality shows like Kon Banega Corodpati (  KBC ) India's Got Talent ( IGT ) etc. When Teri Gallia Song was released from a  movie ek villain, he got fame and that song has been composed and sung by Ankit Tiwari. He has writt...