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Short poem on Indian Army Soldier in Hindi

. Liptkar tirange Mai jaunga


Ghus kar Tere Ghar main Marunga, 
Das das ko ek sath Marunga,
Khun ki  aakhri bund Tak ladunga, 
War pith par nhi karunga,
Goli sene pe khaunga, 
Liptkar tirange Mai jaunga,
Hokar Shahid gav ko lotunga....

Tab Tak Aakhe bhi nhi mitenge,
Jab Tak na Dekh lu lehrate tirange ko...
Tab Tak Jaan ko thamb kar rakhenge,
Yamraj ko bhi rok kar rakhenge,
Sunkar jaygosh ke nare,
Sukun se jaan ko chhodunga,
Liptkar tirange Mai jaunga,
Hokar Shahid gav ko lotunga.....

लिपटकर तिरंगे में जाऊंगा


घूस कर तेरे घर मैं मारूंगा,
दस दस को एक साथ मारूंगा,
खून की आखरी बूंद तक लड़ूंगा,
वार पीठ पर नहीं करूंगा
गोली सिने पे ही खाऊंगा, 
लिपटकर तिरंगे में जाऊंगा,
होकर शहीद गांव को लौटूंगा......

तब तक आंखे भी नहीं मिटेंगी, 
जब तक ना देख ले लहराते तिरंगे को....
तब तक जान थांब कर रखेंगे, 
यमराज को भी रोक कर रखेंगे,
सुनकर जयघोष के नारे, 
सुकून से जान को छोड़ूंगा,
लिपटकर तिरंगे में जाऊंगा,
होकर शहीद गांव को लौटूंगा......

                   - अक्षय कदम



Short Hindi poem on Indian soldier.
Hindi poem on Veer Jawan.

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